भैरव वशीकरण मन्त्र प्रयोग

भैरव वशीकरण मन्त्र प्रयोग
भैरव वशीकरण मन्त्र प्रयोग

भैरव वशीकरण मन्त्र प्रयोग

जैसे की हम जानते है  जीवन में दुख और सुख निरंतर आते ही रहते हैं जैसे की सुख में हमें बड़ी खुशी प्रसंता और सभी सुविधाएं का भोग करने से प्राप्त होती है और दुख में चिंता परेशानी से घिर जाता है परंतु धैर्यवान मनुष्य सभी दुखों से बाहर आ जाते हैं जैसे कि जानते हैं हम लोग हमारा जीवन परेशानियों समस्याओं सुख-दुख इन सब से घिरा हुआ है कभी किसी समस्या शत्रु से समस्या कभी किसी कार्य में बाधा आती ही रहती है इन सभी बाधाओं को दूर करने का मात्र एक उपाय है भैरव साधना, भैरव जी को शंकर जी का तत्व माना गया है और भगवान के रुप में पूजा जाता है या मां दुर्गा के पुत्र स्वरुप में पृथ्वी पर स्थित है यह सभी समस्याओं को हल करने वाले होते हैं  सुख सुविधा संपन्नता को दे प्रदान करने वाले होते हैं उनकी साधना अत्यंत सरल एवं फलदाई है।

भैरव वशीकरण मन्त्र प्रयोग
भैरव वशीकरण मन्त्र प्रयोग

भैरव की साधना से वशीकरण उच्चाटन स्तंभन सम्मोहन  मारण जैसी अनेक तांत्रिक समस्याओं के निदान के लिए की जाती है क्रियाए जिस पर होती है उनको भैरव की साधना से नष्ट कर दिया जाता है किसी की कुंडली पर यदि भैरव छठे भाव में है तो वह शत्रु भाव है लग्न में अष्टमेश अष्टम भाव में भैरव शत्रु होते हैं  कभी  -कभी कुछ शत्रुओं द्वारा आप का व्यापार बधवा दिया जाता है या तांत्रिक क्रियाओं द्वारा आपके परिवार में फूट डाल दी जाती है किसी को अपने वश में कर लिया जाता है अन्य भूत प्रेत बाधा आप पर आपके परिवार में किसी सदस्य के ऊपर डाल दी जाती है या आ जाती है उसका सब का निवारण मात्र भैरव साधना से किया जा सकता है।

भैरव वशीकरण साधना –

यदि आपको कोई शत्रु परेशान कर रहा हो आप का व्यापार बढ़ ना रहा हो तो भैरव शत्रु बाधा निवारण का उपयोग आप किसी भी मंगलवार या रविवार को कर सकते हैं यदि जप योग यह प्रयोग कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किया जाए तो सर्वोत्तम फल देने वाला होता है । भैरव की साधना मुक्ता मुख्यता रात में ही होती है परंतु इसे अपनी सुविधानुसार किसी भी समय कर सकते हैं साधना के लिए आपको स्नान कर स्वच्छ हो कर लाल वस्त्र धारण करके आसन बिछाकर दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर  बैठना होगा और अपने सामने एक गीली मिट्टी की ढेरियां बनाकर उस पर काल भैरव की गुटिका स्थापित करे और उसके चारों ओर तिल की पांच ढेरियां  बना ले और आक्रांत चक्र को स्थापित कर दें, और एक तेल का दीपक जलाकर गूगल की धूप से सुगंध को सभी दिशाओं में फैला दें और भैरव बाबा का मंत्र जप कर आव्हान करे।

भैरव वशीकरण मंत्र-

आयाहि भगवनः रुद्रो भैरवः भैरवीपतेहः

प्रसन्नोभवः देवेश नमस्तुभ्यः कृपानिधीयः

और आवाह्न करने के बाद भैरो से अपने शत्रु  को नष्ट करने  एवं ग्रह शांति के लिए  प्रार्थना करें  और संकल्प ले  की  शत्रु बाधा समाप्त होने के बाद विधिपूर्वक  भैरव  का  पूर्ण रुप से पूजन ध्यान हवन  करेंगे ।

मंत्र-

ॐ हृीं भैरवः भैरवः भयकरहरः मां रक्ष रक्ष हुं फट् स्वाहः

भैरव के इस मंत्र का निरंतर 21 दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ हो कर जप करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं जप को पूर्ण करने के बाद भैरव को दूध से बना हुआ नवेद चढ़ाना चाहिए और स्वयं भी इसका प्रसाद ले ग्रहण करना चाहिए इस तरह भैरव प्रसन्न होते हैं और यह प्रयोग समाप्त करने के बाद सारी सामग्री को एक काले वस्त्र में बांधकर बहती जलधारा में प्रभावित कर दें आपकी सभी शत्रु बाधाएं समाप्त हो जाएंगी सुख शांति धन ऐश्वर्य विद्या पुनः प्राप्त होगी।

बटुक भैरव साधना –

मंत्र –

ॐ ह्रीं वां बटुकायेहः क्षौं क्षौं आपदुद्धाराणायहः कुरु कुरु बटुकायेहः ह्रीं बटुकाये स्वाहः

भैरव के  इस बटुक मंत्र का  प्रतिदिन  11 माला जप करना चाहिए एवं  यह आपको  21 दिन  21 मंगलवार  करनी होगी और साथ में भैरव क्षमा स्रोत का पाठ नियमित करें,  यह साधना आपको  रात्रि में ही करनी होगी तभी या उचित फल देती है भैरव यंत्र को अपने समीप रखकर लाल वस्त्र धारण कर एवं लाल वस्त्र बिछाकर उसका आसन बना ले और इस आसन पर  दक्षिण दिशा में  बैठकर यंत्र की विधि पूर्वक पूजा करें काले उड़द के लड्डू का भोग लगाएं इस साधना के करते समय विशेष सावधानियां बरतनी होंगी खानपान में शुद्धता सहवास क्रोध में कमी वाणी में मधुरता अधिकार आदि का प्रयोग करना होगा एवं करने से पूर्व क्या करना एवं साधना करने से पूर्व अपने गुरु से परामर्श अवश्य लें .

भैरव वशीकरण –

१- यदि आप किसी को अपने वश में करना चाहते हैं रविवार को स्नान कर स्वच्छ होकर किसी एकांत जगह पर आसन लगाकर भैरव जी की प्रतिमा स्थापित करने और उसकी धूप दीप से विधिपूर्वक पूजा करें और 108 बार मंत्रो का जाप कर लौंग पर फूंक मारने जिससे यह लौंग अभिमंत्रित हो जाएंगे और इस अभिमंत्रित लौंग को जो भी व्यक्ति खाएगा वह आपके वश में आ जाएगा पर याद रहे या क्रिया आप किसी को  हानि पहुंचाने की मनोभावना से ना करें।

मंत्र –

ॐ नमोहः रुद्रायः , कपिलायः  भैरवायः , त्रिलोक-नाथाय, ॐ ह्रीं फट् स्वाहः

२- यदि आपको आपका कोई शत्रु परेशान कर रहा है या प्रेम विवाह में दिक्कत आ रही है तब आपको भैरव वशीकरण मंत्रों की सहायता लेनी चाहिए इससे आप किसी को भी अपने वश में करके अपने कार्य को करा सकते हैं वह आप अपनी समस्त इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं जिसके लिए सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर  पुष्पक पीपल के पत्ते  तोड़ ले और उसमें  उसका नाम लिख दे  जिसको आप अपने वश में करना चाहते हैं फिर 7 बार मंत्रों को सात बार पढ़ कर उन पत्तों को अभिमंत्रित करने और यह पत्ते उस व्यक्ति के घर में फेंक दे या उसके घर के पीछे कहीं गाड़ दें आपका वह व्यक्ति वशीकरण हो जाएगा वह व्यक्ति आपके वश में आ जाएगा।

मंत्र –

ॐ भ्रां भ्रां भूँ भैरवायः स्वाहा। ॐ भं भं भं अमुक-मोहनायः स्वाहः

 

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वशीकरण विधि वशीकरण एक आद्यात्मिक कला है जिसको बहुत कठिन आत्मिक तपस्या के बल से प्राप्त किया जाता है. वशीकरण विधि को एक बार प्राप्त कर के आप अपना मनचाहा काम पल भर मे पूरा कर सकते हो.वशीकरण विधि का दुरूपयोग करने से ये विधि काम करना बंद कर देती है, इसलिए धारक को ये सलाह दे जाती है की वो वशीकरण विधि का वही उपयोग करे जहा इसकी वास्तव मे नेक कार्य मे जरुरत हो.किसी भी कार्य के अनुसार वशीकरण की अलग अलग विधि उपयोग मे लायी जाती है. एक वास्तव वशीकरण विधि धारक वो है जो समस्या को समझ के सही वशीकरण विधि का उपयोग करे.